आज इस ब्लॉग की शुरुआत करते हुवे यह मन बना लिया है की इसमें मैं बच्चो से सम्बंधित बातो को शेयर किया करू
क्यों की बचपन को जितना याद करू उतना ही आनंद मैं समाता जाता हूँ सो यह उस आनंद को इकठ्ठा करने की कोशिश है ..
क्यों की बचपन को जितना याद करू उतना ही आनंद मैं समाता जाता हूँ सो यह उस आनंद को इकठ्ठा करने की कोशिश है ..
बहुत ज्यादा लिखने का तो मुझे शोक नहीं छठा हूँ की जो मेरे दिल की बात है वह आप लूगो तक पहुच जाये ताकि आप मेरी भावना को समझ सको
बचपन की इक छाती सी बात याद आ रही है।।
मई दीदी और मेरा छोटा भाई
जब हम 1 रूपये की टॉफी लेने भी जाते थे तो बड़ी ख़ुशी होती थी
इसलिए दोड़ दुकान की तरफ लगे जाती थी और इस दोड़ मई जब मेरा छोटा भाई पीछे छूट जाता थो वह रो पड़ता होर अपना सारा समान फैंक देता था
बीच रस्ते मई, गुस्से मैं वह अपने कपडे जुटे चप्पल सब फैंक देता था ..
तब हम वापस आकर उसके मानते और फिर साथ साथ ख़ुशी ख़ुशी दुकान पर जाते थे---
पर इक बात थी ये छोटे छोटे झगड़ो मई जो प्यार होता था वो बहुत दिलचस्प था।
पर इक बात थी ये छोटे छोटे झगड़ो मई जो प्यार होता था वो बहुत दिलचस्प था।
शायद मैं अपने दिल की कुछ ऐसे ही यादो को शेयर करू या फिर कुछ और भी पर इक बात तो है बचपन सबको प्यारा होता है सबको याद आता है।
और हमने अपने बचपन मई बहुत प्यारे पल गुजरे हैं अब हम फिर उन पलों को चूने का प्रयास करेंगे ...